एक समय की बात है किसी गांव में एक भूत रहता था, जो बेहद ही ज़्यादा खतरनाक था। एक दिन वो भूत नदी किनारे लोगों को डराने जा रहा था कि तभी वहां पर उसने किसी की चिल्लाने की आवाज़ सुनी।
भूत जल्दी से उस आवाज़ की तरफ दौड़ा तो उसने देखा कि एक आदमी जिसका नाम अर्पित था। उसको चार चोर मार रहें थे और उससे उसका सामान छिन रहे थे। भूत वहां पंहुचा, और उन चार आदमियों से अर्पित को छोड़ने के लिए बोला। भूत को अपने सामने देखकर चारों चोर डर कर कांपने लगे और वहां से भाग गए। वही अर्पित भूत को देखकर डर से कांपने लगा। जिसे देख भूत ने अर्पित को फ़ौरन वहां से जाने के लिए बोला। जिसपर अर्पित ने उससे डरते हुए बोला
तुम तो गांव के वही भूत हो ना, जो गांव वालों को परेशान करते हो? लेकिन आज तुमने मुझे उन चोरों से क्यों बचाया?
अर्पित की बात सुन भूत गुस्से में आ गया और उसे वहां से जाने के लिए बोला। जिसे सुनकर अर्पित वहां से चला गया और भूत की बात पूरी रात सोचता रहा।
वो भूत सभी गांव वालों को परेशान करता है, लेकिन उसने मेरी जान बचाई। अगर वो बुरा होता तो मुझे कभी नहीं बचाता यानी वो भूत अच्छा है। लेकिन वो गांव वालों को क्यों परेशान करता है मुझे इस बात का पता लगाना ही होगा।
अगली सुबह अर्पित ने सारी बात अपनी पत्नी माधवी को बता दी, माधवी भूत की बात सुनकर घबरा गई। जिसके बाद उसने घर में बाबा को बुलाने का फैसला किया। अर्पित ने माधवी को समझाने की बहुत कोशिश की, की वो भूत हमें कोई नुक्सान नहीं माधवी नहीं मानी और बाबा को अपने घर बुलाकर ले आई। जिसके बाद बाबा ने घर में जल चिढ़कर मन्त्र पढ़ा और बोला।
तभी बाबा उनसे कहते है। तुम्हारे पति को उस भूत ने वश में कर लिया है, वो अब कुछ भी कर सकता है। तुम अपने पति का ध्यान रखना और हां अगर वो भूत तुम्हारे पास आए तो तुरंत मुझे बताना।
माधवी ने दक्षिणा के तौर पर बाबा को बहुत सारे पैसे दिए, और बाबा वो पैसे लेकर चले गए। बाबा के जाने के बाद, अर्पित को अपनी पत्नी पर बाबा की इतने सारे पैसे देने के लिए गुस्सा किया। लेकिन अब वो करता ही क्या? भला पत्नियों की आगे चलती है किसी की। रात हो गई थी और दोनों पति पत्नी सोने चले गए। जैसे ही रात गहरी हुई उनके घर पर अजीब सी आवाज़ आने लगी। वो आवाज़ सुनकर अर्पित और माधवी उठ गए। माधवी बहुत ज्यादा डर गई। जिसपर अर्पित ने उसे शांत रहने के लिए और बोला और खुद दरवाज़ा खोलने के लिए चला गया। अर्पित ने ऐसा बोलकर दरवाज़ा खोला तो सामने भूत खड़ा था, जो बहुत गुस्से में था, और उसने अर्पित को ज़ोर से धक्का मारा तो वो गिर गया, उसके बाद वो भूत माधवी के पास गया और उसे बाबा को बुलाने और उसपर मन्त्र कराने के लिए माधवी को मरने की धमकी देने लगा।
ये देख अर्पित जल्दी से उठा और भूते के सामने खड़ा हो गया और भूत से अपनी पत्नी से हुई गलती की माफ़ी मांगने लगा, जिसे सुन भूत वहां से चला गया और अर्पित भी अपनी पत्नी को अकेला छोड़कर वहां से भूत के पीछे पीछे चलने लगा। भूत गांव से निकल कर नदी के पास पहुंचा और नदी पार करके जंगल की तरफ जाने लगा। अर्पित अभी भी भूत का पीछा कर रहा था।
वो इसी तरह अपने मन में भूत के लेकर उधेड़ बुन करता रहा और भूत के पीछे-पीछे जंगल में पहुंच गया। अब अर्पित जंगल के बीचों-बीच पहुंच गया था। उस जंगल में एक गुफा थी। भूत उस गुफा के अंदर चला गया। अर्पित भी भूत का पीछा करते हुए उस गुफा में चला गया। गुफा के अंदर जाकर जो कुछ भी अर्पित ने देखा वो देखकर अर्पित के होश उड़ गए। उस गुफा में उस भूत के साथ वो बाबा भी मौजूद था। जो सुबह उनके घर आया था। अब अर्पित उनकी बातें सुनने लगा।
बाबा- क्या तुम अर्पित और उसकी बेवकूफ पत्नी माधवी को डरा कर आ गए।
भूत- हां मैंने उन्हें खूब डराया और ये भी बोला कि मैं कल आउंगा, अब वो आपको ज़रुर बुलाएगी, और आप उससे दक्षिणा के रुप में ज्यादा पैसे ले सकते हो?
अर्पित अब सारी बात समझ गया और उसने अपनी पत्नी को सारी बात बताई। उसकी पत्नी ने ये बात गांव के सभी लोगों को बता दी, अब होना क्या था, सभी लोग उस बाबा को मारने की सोचने लगे। लेकिन अर्पित ने सभी को समझदारी से काम लेने के लिए कहाँ। उसने सभी को कहाँ की पहले हम भूत से बात करेंगे ताकि पता चल सके की वो बाबा ऐसा कर क्यों रहा है। अर्पित की बात सभी को ठीक लगी और वो सभी भूत का इंतज़ार करने लगे।रात होते ही भूत उनके घर आया।जिसपर अर्पित ने भूत को उसकी सारी सच्चाई पता लगने की बात की और उससे बाबा की नियत के बारे में पूछा।साथ ही ये भी पूछा की तुम क्यों गॉंव वालों को डराते हो? जिसपर भूत ने जवाब दिया।
हां तुम ठीक बोल रहे हो, मैं गांव वालों को परेशान नहीं करना चाहता लेकिन वो बाबा ने मेरी जान अपने पास एक मटकी मैं कैद कर रखी है और जब तक वो मटकी उसके पास रहेगी, मुझे उसकी बात माननी पड़ेगी।
अर्पित सारी बातें समझ गया और उसने भूत से उसकी मदद करने का वादा किया। अगली सुबह जब बाबा अर्पित और माधवी के घर पहुंचा तो सभी गांव के सभी लोगों ने उसे घेर लिया और मारना शुरु कर दिया। गांव वालों ने उस बाबा को इतना मारा कि वो मर गया ओर बाबा के मरने ले बाद सब उस गुफा में पहुंचे जहां वो मटकी रखी थी, जिसमें भूत की जान थी। अर्पित ने वो मटकी उठाई और को उसे दे दी और कहा आज़ाद हो लेकिन भूत ने अपनी आज़ादी नहीं अपना मोक्ष माँगा।
ये कहकर भूत ने वो मटकी अपने हाथ में ले ली और ज़मीन पर मार कर तौड़ दी, मटकी तोड़ते ही भूत मर गया। तभी एक रोशनी आई जिसमे टूटी मटकी और मरा हुआ भूत उस रोशनी के साथ गायब हो गए।
शिक्षा :- हमें कभी भी पैसो का लालच नहीं करना चाहिए।
भूत जल्दी से उस आवाज़ की तरफ दौड़ा तो उसने देखा कि एक आदमी जिसका नाम अर्पित था। उसको चार चोर मार रहें थे और उससे उसका सामान छिन रहे थे। भूत वहां पंहुचा, और उन चार आदमियों से अर्पित को छोड़ने के लिए बोला। भूत को अपने सामने देखकर चारों चोर डर कर कांपने लगे और वहां से भाग गए। वही अर्पित भूत को देखकर डर से कांपने लगा। जिसे देख भूत ने अर्पित को फ़ौरन वहां से जाने के लिए बोला। जिसपर अर्पित ने उससे डरते हुए बोला
तुम तो गांव के वही भूत हो ना, जो गांव वालों को परेशान करते हो? लेकिन आज तुमने मुझे उन चोरों से क्यों बचाया?
अर्पित की बात सुन भूत गुस्से में आ गया और उसे वहां से जाने के लिए बोला। जिसे सुनकर अर्पित वहां से चला गया और भूत की बात पूरी रात सोचता रहा।
वो भूत सभी गांव वालों को परेशान करता है, लेकिन उसने मेरी जान बचाई। अगर वो बुरा होता तो मुझे कभी नहीं बचाता यानी वो भूत अच्छा है। लेकिन वो गांव वालों को क्यों परेशान करता है मुझे इस बात का पता लगाना ही होगा।
अगली सुबह अर्पित ने सारी बात अपनी पत्नी माधवी को बता दी, माधवी भूत की बात सुनकर घबरा गई। जिसके बाद उसने घर में बाबा को बुलाने का फैसला किया। अर्पित ने माधवी को समझाने की बहुत कोशिश की, की वो भूत हमें कोई नुक्सान नहीं माधवी नहीं मानी और बाबा को अपने घर बुलाकर ले आई। जिसके बाद बाबा ने घर में जल चिढ़कर मन्त्र पढ़ा और बोला।
तभी बाबा उनसे कहते है। तुम्हारे पति को उस भूत ने वश में कर लिया है, वो अब कुछ भी कर सकता है। तुम अपने पति का ध्यान रखना और हां अगर वो भूत तुम्हारे पास आए तो तुरंत मुझे बताना।
माधवी ने दक्षिणा के तौर पर बाबा को बहुत सारे पैसे दिए, और बाबा वो पैसे लेकर चले गए। बाबा के जाने के बाद, अर्पित को अपनी पत्नी पर बाबा की इतने सारे पैसे देने के लिए गुस्सा किया। लेकिन अब वो करता ही क्या? भला पत्नियों की आगे चलती है किसी की। रात हो गई थी और दोनों पति पत्नी सोने चले गए। जैसे ही रात गहरी हुई उनके घर पर अजीब सी आवाज़ आने लगी। वो आवाज़ सुनकर अर्पित और माधवी उठ गए। माधवी बहुत ज्यादा डर गई। जिसपर अर्पित ने उसे शांत रहने के लिए और बोला और खुद दरवाज़ा खोलने के लिए चला गया। अर्पित ने ऐसा बोलकर दरवाज़ा खोला तो सामने भूत खड़ा था, जो बहुत गुस्से में था, और उसने अर्पित को ज़ोर से धक्का मारा तो वो गिर गया, उसके बाद वो भूत माधवी के पास गया और उसे बाबा को बुलाने और उसपर मन्त्र कराने के लिए माधवी को मरने की धमकी देने लगा।
ये देख अर्पित जल्दी से उठा और भूते के सामने खड़ा हो गया और भूत से अपनी पत्नी से हुई गलती की माफ़ी मांगने लगा, जिसे सुन भूत वहां से चला गया और अर्पित भी अपनी पत्नी को अकेला छोड़कर वहां से भूत के पीछे पीछे चलने लगा। भूत गांव से निकल कर नदी के पास पहुंचा और नदी पार करके जंगल की तरफ जाने लगा। अर्पित अभी भी भूत का पीछा कर रहा था।
वो इसी तरह अपने मन में भूत के लेकर उधेड़ बुन करता रहा और भूत के पीछे-पीछे जंगल में पहुंच गया। अब अर्पित जंगल के बीचों-बीच पहुंच गया था। उस जंगल में एक गुफा थी। भूत उस गुफा के अंदर चला गया। अर्पित भी भूत का पीछा करते हुए उस गुफा में चला गया। गुफा के अंदर जाकर जो कुछ भी अर्पित ने देखा वो देखकर अर्पित के होश उड़ गए। उस गुफा में उस भूत के साथ वो बाबा भी मौजूद था। जो सुबह उनके घर आया था। अब अर्पित उनकी बातें सुनने लगा।
बाबा- क्या तुम अर्पित और उसकी बेवकूफ पत्नी माधवी को डरा कर आ गए।
भूत- हां मैंने उन्हें खूब डराया और ये भी बोला कि मैं कल आउंगा, अब वो आपको ज़रुर बुलाएगी, और आप उससे दक्षिणा के रुप में ज्यादा पैसे ले सकते हो?
अर्पित अब सारी बात समझ गया और उसने अपनी पत्नी को सारी बात बताई। उसकी पत्नी ने ये बात गांव के सभी लोगों को बता दी, अब होना क्या था, सभी लोग उस बाबा को मारने की सोचने लगे। लेकिन अर्पित ने सभी को समझदारी से काम लेने के लिए कहाँ। उसने सभी को कहाँ की पहले हम भूत से बात करेंगे ताकि पता चल सके की वो बाबा ऐसा कर क्यों रहा है। अर्पित की बात सभी को ठीक लगी और वो सभी भूत का इंतज़ार करने लगे।रात होते ही भूत उनके घर आया।जिसपर अर्पित ने भूत को उसकी सारी सच्चाई पता लगने की बात की और उससे बाबा की नियत के बारे में पूछा।साथ ही ये भी पूछा की तुम क्यों गॉंव वालों को डराते हो? जिसपर भूत ने जवाब दिया।
हां तुम ठीक बोल रहे हो, मैं गांव वालों को परेशान नहीं करना चाहता लेकिन वो बाबा ने मेरी जान अपने पास एक मटकी मैं कैद कर रखी है और जब तक वो मटकी उसके पास रहेगी, मुझे उसकी बात माननी पड़ेगी।
अर्पित सारी बातें समझ गया और उसने भूत से उसकी मदद करने का वादा किया। अगली सुबह जब बाबा अर्पित और माधवी के घर पहुंचा तो सभी गांव के सभी लोगों ने उसे घेर लिया और मारना शुरु कर दिया। गांव वालों ने उस बाबा को इतना मारा कि वो मर गया ओर बाबा के मरने ले बाद सब उस गुफा में पहुंचे जहां वो मटकी रखी थी, जिसमें भूत की जान थी। अर्पित ने वो मटकी उठाई और को उसे दे दी और कहा आज़ाद हो लेकिन भूत ने अपनी आज़ादी नहीं अपना मोक्ष माँगा।
ये कहकर भूत ने वो मटकी अपने हाथ में ले ली और ज़मीन पर मार कर तौड़ दी, मटकी तोड़ते ही भूत मर गया। तभी एक रोशनी आई जिसमे टूटी मटकी और मरा हुआ भूत उस रोशनी के साथ गायब हो गए।
शिक्षा :- हमें कभी भी पैसो का लालच नहीं करना चाहिए।
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