काली परी - बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ


किसी जंगल में एक काली परी रहती थी। वह बहुत ही शैतान थी। जंगल के सभी जानवर उस परी से बहुत परेशान थे। वह सभी जानवरों को बहुत सताती थी। या तो वह कभी जानवरों के खाने को छुपा देती थी, या फिर  सोते हुए जानवरों के ऊपर पानी गिरा देती थी। जंगल के जानवर चाह कर भी काली परी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे। एक दिन, शेर ने जंगल में सभा बुलाई, तभी शेर ने अपनी बात आगे रखी,  इस काली परी ने पूरे जंगल को परेशान कर दिया है। इसपर एक बंदर कहता पर महाराज इसे यहाँ से भगायें भी तो कैसे ? यह इतनी शातिर और शक्तिशाली है कि हम सब तो इसका बाल भी बाँका नहीं  कर सकते। शेर उनकी बातों पर कहते हाँ, पर इस शैतान परी को इस जंगल से भगाने का कोई उपाय तो ढूंढ़ना होगा।

लोमड़ी शेर से कहती महाराज, इस परी को भगाना, हम जानवरों के बस की बात नहीं है। इससे अच्छा तो हम सब ही यहाँ से भाग जाते हैं। तभी बंदर हाँ शेर से कहता महाराज, मुझे लगता है कि लोमड़ी बहन ठीक बोल रही हैं। पर शेर मायुष होकर सबसे कहता पर हम इस जंगल में बहुत समय से रह रहे हैं। इसे छोड़ कर हम जाएंगे भी कहाँ ?

जानवर सोच में पड़ जाते हैं। तभी वहाँ प्रिशा और रूही नाम की दो परियां आती हैं। उन दोनों को देखकर सभी जानवर डर जाते हैं।अरे बाप रे ! दो परियां और!! लगता है, यह परियां इस जंगल को परिस्थान बनाने की तैयारी में हैं। हम तो पहले से ही काली परी से परेशान हैं। ऊपर से यह दो परियां और आ गयी।


उनमे से प्रिशा परी सभी जानवरो से मिलती है और कहती है, हम यहाँ तुम सबको परेशान करने नहीं आये हैं। रूही परी भी  कहती है हाँ, हम दोनों तुम्हारी सहायता करने और उस काली परी को यहाँ से ले जाने के लिए आये हैं।

शेर हैरान होकर परियों से कहता है, क्या ? क्या तुम दोनों सच बोल रही हो ? बंदर परियों से कहता है काली परी हमें इतना सता चुकी है, कि मुझे अब तुम दोनों पर भी यकीन नहीं हो रहा।

प्रिशा परी कहती है, तुम सब हम पर यकीन कर सकते हो। रूही परी हाँ, हमारा यकीन करो, हम तुम्हें शिकायत का कोई मौका नहीं देंगे।

दूसरी तरफ लोमड़ी परियों से कहती है, मुझे लगता है, यह दोनों सच बोल रही हैं, हो सकता है इनकी सहायता से हम सबको उस बुरी परी से छुटकारा मिल जाए।

इस पर शेर कहता है सबसे ठीक है। मैं तुम दोनों को एक मौका देने के लिए तैयार हूँ। पर ध्यान रहे - अगर तुम दोनों ने जानवरों को सताने की कोशिश की, तो दंड के लिए भी तैयार रहना।

परियां जानवरों का धन्यवाद करती हैं और वहाँ से चली जाती हैं। उनके जाते ही वहाँ काली परी आती है। सभी जानवरों को एक साथ देख कर काली परी समझ जाती है कि जानवर उसे भगाने की तरकीब सोच रहे हैं।

काली परी खुदसे ये कहती है, लगता है, यहाँ मेरे ही बारे में चर्चा हो रही है।

लेकिन बंदर काली परी की बातें सुन लेता है और कहता है नहीं, नहीं तो ! हम सब तो बस जंगल के विकास के बारे में सोच रहे थे। वैसे भी तुम्हें जो करना होता है, वह तो तुम कर ही लेती हो फिर तुम्हारे बारे में बात करके हम अपना समय क्यों बर्बाद करें। काली परी गुस्से से सभी जानवरो से कहती है, लगता है, खौफ नहीं रहा तुम्हें मेरा। रुको अभी मज़ा चखाती हूँ।

काली परी, लोमड़ी को अपनी शक्ति से एक बॉल बना देती है। जैसे ही लोमड़ी बॉल बनती है, वह तुरंत वापस लोमड़ी बन जाती है। यह सब देखकर काली परी बहुत हैरान हो जाती है। काली परी हैरान होकर अरे! यह कैसे मुमकिन है?! मेरे जादू को इस लोमड़ी ने कैसे तोड़ा ?

काली परी लोमड़ी के बाद बंदर को अपना शिकार बनाती है। वह बंदर के मुँह पर एक केला फेंकती है, जो वापस आकर काली परी के मुँह पर ही लग जाता है।

काली परी चौक जाती है और कहती है, कुछ तो गड़बड़ ज़रूर है। लगता है, इन जानवरों ने कहीं से जादू सीख लिया है। क्यों ना, मैं इन सबको गहरी नींद में सुला दूँ।

जैसे ही काली परी जानवरों को सुलाने के लिए मंत्र पढ़ना शुरू करती है, वैसे ही प्रिशा और रूही उसके सामने जाती हैं। काली परी उन दोनों को देखकर हैरान हो जाती है।

प्रिशा काली परी से कहती है, क्या हुआ ? बहुत परेशान लग रही हो ? रूही भी उसके सामने जाती है, परेशान नहीं, मुझे तो यह डरी-डरी सी लग रही है।

काली परी उन परियों से कहती है, काली परी किसी से नहीं डरती। हिम्मत हो तो मुकाबला करके दिखाओ। प्रिशा काली परी से कहती है, ज्यादा घमंड अच्छा नहीं होता। बेहतर होगा तुम बिना किसी मुकाबले के इस जंगल से चली जाओ। काली परी उन्हें फिर चुनौती देती है, क्या हुआ ? लगता है, तुम्हें हारने का डर सता रहा है। रूही हंसकर काली परी को जवाब देती है, नहीं ऐसा बिलकुल नहीं है। हम मुकाबले के लिए तैयार हैं।

रूही और प्रिशा, काली परी को अपने जाल में फंसाने के लिए एक तरकीब सोचती हैं।

हम नकल करने का मुकाबला करेंगे। देखते हैं, कौन ज्यादा बेहतर नकल कर सकता है। काली परी परियों से कहती है, यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। तुम परियों का जीतना मुश्किल है।

मुकाबला शुरू होता है। सबसे पहले प्रिशा एक बिल्ली का रूप लेती है। यह देख कर काली परी भी बिल्ली का रूप ले लेती है। यह देखकर सभी जानवर बहुत खुश होते हैं। प्रिशा और काली परी अपने असली रूप में वापस आती हैं। मुकाबला इसी तरह काफी देर तक चलता है। अंत में रूही एक बोतल के अंदर चली जाती है। यह देखकर काली परी भी बोतल के अंदर चली जाती है। जैसे ही वह बोतल के अंदर जाती है, प्रिशा जल्दी से उस बोतल को बंद कर देती है और काली परी हमेशा के लिए कैद हो जाती है।

अब तुम अपनी सही जगह पर पहुंच गई हो। प्रिशा परी काली परी से कहती हैं। हाँ, यह मुर्ख परी कभी अक्ल का इस्तेमाल नहीं करती, वैसे अब यह इस जंगल के तो क्या - किसी भी जंगल के जानवरों को परेशान नहीं कर पाएगी।

काली परी को बोतल में बंद देखकर सभी जानवर बहुत खुश होते हैं। वह प्रिशा और रूही का धन्यवाद करते हैं। वह दोनों काली परी को लेकर परिस्थान चली जाती हैं और जानवर ख़ुशी-ख़ुशी जंगल में रहने लगते हैं।

शिक्षा : -  इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमे नकल भी अक्ल का प्रयोग करके ही करनी चाहिए।
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