किसी जंगल में बहुत सारे पक्षी और जानवर मिलजुलकर रहते थे ! वह हमेशा हर ऋतु का आनंद लेते थे।
वहा एक शेर भी रहता था जो कहता है वाह दोस्तों ! आज तो मज़ा आ गया। कितनी चमकदार धूप खिली हुई हैं। कबूतर कहता है हाँ शेर भाई ! बात तो तुम बिलकुल सही बोल रहे हो ! वरना कुछ दिनों से तो ठंड ने हमारी जान ही सुखा रखी थी। दूसरी तरफ बंदर कहता है अरे रे ! ठंड का तो पूछो ही मत, इस ठंड की वजह से मैं पिछले कुछ दिनों से भालू की गुफा में रह रहा हूँ। आज धूप निकली तो जान में जान आयी।
कहाँ गर्मियों में यह धूप हमें एक आँख नहीं सुहाती और ठंड में वही चिलचिलाती धूप चमकती नज़र आ रही है ऐसा कौआ कहता है। भालू हस्ता है..... हाहाहाहा। इसी पर सब हंसने लगते हैं, तभी वहाँ हिरण और तोता आते हैं। अरे दोस्तों क्या चल रहा है ? बहुत ठहाके लगाए जा रहे हैं। तोता कहता है ज़रा हमें भी बता दो क्या बात है ? हम भी थोड़ा हंस लेंगे। कुछ देर ऐसे ही हंसी मज़ाक चलने के बाद कंगारू बॉक्सिंग करता हुआ आता है।
शेर (कंगारू को देखते हुए) यह लो दोस्तों ! बॉक्सिंग किंग भी आ गए। इनके अंदर बॉक्सिंग के अलावा और कोई हुनर नहीं है। कोयल हस्ते हुए कहती है हाहाहाहा ! और यह इकलौता हुनर भी किसी काम का नहीं है। कंगारू (गुस्से में) कोयल से कहता है बॉक्सिंग करना मेरी आदत है। इससे मैं फुर्तीला रहता हूँ। और तो और, मेरा हुनर बहुत काम का है। इसकी अहमियत तुम सभी को एक दिन ज़रूर पता चलेगी। पीछे से बाज कहती है अरे, कंगारू भाई को तो गुस्सा आ गया ! अब कोई उनका मज़ाक नहीं बनाएगा, नहीं तो यह उसको पंच मार देंगे।
सभी जानवर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगते हैं। यह सब देखकर कंगारू को बहुत बुरा लगता है और वह उदास होकर चला जाता है। कंगारू कहता है यह सब खुद को समझते क्या हैं ? खुद को तो कुछ आता नहीं है और मेरी बॉक्सिंग का मज़ाक बना रहे हैं। इन सभी के साथ रहने से अच्छा है, मैं यहाँ से चला जाऊँ। कंगारू अपनी जगह छोड़ कर जंगल के दूसरे कोने की तरफ चल पड़ता है। कंगारू को जाता देख कबूतर उड़ता हुआ अपने दोस्तों के पास पहुँचता है।
कबूतर बोला सभी सुनो ! मेरे पास एक खबर है। सभी पक्षी और जानवर कबूतर से पूछते है क्या खबर ? कंगारू यह जगह छोड़ कर जंगल के दूसरी तरफ चला गया। कबूतर की बात सुनकर सभी जानवर हैरान हो जाते हैं और बहुत तेज़ हंसने लगते हैं। इतने में ही हार मान गया। अब हमारा मनोरंजन कौन करेगा ये शेर कहता है।
शेर के ऐसा बोलने पर सभी हंसने लगते हैं और बात को नज़रअंदाज़ करते हुए वहाँ से चले जाते हैं। देखते ही देखते समय बीतता है। एक दिन, साथ के जंगल में से एक जंगली हाथी और एक भालू उनके जंगल में घुस आते हैं और सारे जंगल में हड़कंप मचा देते हैं।
जंगली भालू तोड़-फोड़ करते हुए कहते है इसे भी तोड़ो ! उसे भी तोड़ो ! जो भी खाने को मिले, उसे बिलकुल न छोड़ो। जंगली हाथी पक्षियों के बच्चों को नुकसान पहुँचाते है और कहते है यह पीदी बच्चें ! कितना ज्यादा शोर कर रहे हैं। भालू मैं तो कहता हूँ खा जा इन्हे तू। कुछ देर इसी तरह, जंगली भालू और हाथी जंगल में पक्षी और जानवरों को नुकसान पहुँचाते हैं और फिर चले जाते हैं।
तोता मन ही मन सोचता है अच्छा हुआ चले गए ! थोड़ी देर और रुकते तो न जाने और क्या करते?! सभी जानवर शांति से रहने लगते है, लेकिन कुछ दिनों बाद वह जंगली जानवर दोबारा वापस आ जाते हैं और आतंक मचाना शुरू कर देते हैं। इसी तरह धीरे-धीरे कुछ दिनों के अंतराल पर जंगल में आकर आतंक मचाना और सभी को परेशान करना उन जंगली जानवरों कि आदत बन जाती है। सभी जानवर और पक्षी एक जगह इकट्ठा होकर बात करते हैं।
कौआ ने कहा बाबा रे बाबा ! अगर यह जंगली इसी तरह यहाँ आते-जाते रहे तो, एक दिन यह हम सभी को खा जायेंगे। हमें खुद को और अपने बच्चों को इन जंगली जानवरों से बचाने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा। लेकिन हम करेंगे क्या ? कबूतर कहने लगा दोस्तों क्यों न हम एक साथ मिलकर उनसे लड़ाई करे ? क्या पता, वह हमारी तादाद देखकर डर कर यहाँ से भाग जाये। शेर बीच में टोकते हुए कहता है नहीं ! हम तादाद में भले ही ज्यादा हो, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम इनसे जीत पायेंगे। सभी कोई तरकीब सोचने लगते है।
भालू कुछ देर सोचने के बाद कहता है दोस्तों ! मेरे पास एक तरकीब है। कोयल भालू से पूछती है कैसी तरकीब ? क्यों न हम इन जंगली जानवरों से लड़ने के लिए कंगारू कि मदद ले ? वह हमेशा बॉक्सिंग करता रहता है, इसलिए वह आराम से लड़ाई कर सकता है। ऐसे भालू ने कहा
भालू की बात पर सभी खुश हो जाते हैं, लेकिन तभी हिरण बोलता हैं। हमने आजतक कंगारू का बहुत मज़ाक बनाया है, क्या अभी भी आपको लगता है कि वह हमारी मदद करेगा ? लेकिन, एक बार उसके पास जाकर पूछने में हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। बंदर कहता है बात तो तुम्हारी सही है। चलो जल्दी चलते है। इसके बाद सभी जानवर और पक्षी इकट्ठा होकर कंगारू के पास मदद मांगने जाते हैं।
शेर कंगारू, के पास जाता है और कहता है हमें तुम्हारी मदद की जरूरत है। प्लीज उन जानवरों से लड़ाई करके हमें और हमारे बच्चों को बचा लो। लेकिन, मेरी बॉक्सिंग तो बेकार है, किसी काम की भी नहीं है। तो फिर अब आप सभी को मेरी मदद की ज़रुरत क्यों पड़ गयी ? ऐसे कंगारू ने शेर से कहा।
कंगारू की बात सुनकर सभी बहुत शर्मिंदा होते हैं और उस से माफ़ी मांगते हैं। हमें माफ़ कर दो कंगारू भाई ! भालू कहता है हमने तुम्हारा और तुम्हारे हुनर का मज़ाक बनाया। यह हमारी सबसे बड़ी गलती है। कोयल कहती है हम सब अपने किये पर बहुत शर्मिंदा हैं ! हमें माफ़ करके हमारी मदद कर दो, नहीं तो जंगल के साथ-साथ हम सभी का जीवन भी जल्द खत्म हो जायेगा। सभी को उनकी गलती का एहसास करते देख कंगारू उन्हें माफ़ कर देता है और उनकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। तुम सभी को अपनी गलती का एहसास हुआ, यही मेरे लिए काफी है।बताओं - तुम्हें मेरी क्या मदद चाहिए ?
कंगारू के पूछने पर भालू उसे सारी बात विस्तार से बताता है, जिसके बाद कंगारू कुछ सोच में पड़ जाता है।
कंगारू कुछ देर सोचने के बाद मैं मदद तो कर सकता हूँ, लेकिन मैं उन दोनों से अकेले नहीं लड़ सकता।इसके लिए तुम सब को भी मेरी मदद करनी पड़ेगी। कंगारू के बात पर तोता कहता है पर हम तुम्हारी मदद कैसे कर सकते हैं ? हमें तो लड़ाई करनी भी नहीं आती। कंगारू मैं सभी जानवरों को बॉक्सिंग सिखाऊंगा और जब हम सभी जानवर नीचे, उन दोनों जंगली जानवरों से लड़ाई कर रहे होंगे, उसी समय सभी पक्षी ऊपर से उनपर पत्थर से वार करेंगे। इस तरह हम सब मिलकर उन्हें हरा सकते हैं।
कंगारू की बात सुनकर सभी जानवरों के मन में उम्मीद जाग उठती है और वह कंगारू से बॉक्सिंग सीखने लगते हैं। इसी तरह कुछ दिन बीत जाते है और सभी जानवर लड़ाई के लिए अच्छी तरह तैयार हो जाते हैं। कुछ दिनों बाद जब वह जंगली जानवर वापस जंगल में आते है, तो बंदर उन्हें आते हुए देख लेता है।
बंदर अपनी दोस्तों से कहता है चलो साथियों - हल्ला बोलें।
सभी पक्षी और जानवर मिलकर दूसरे जंगल के जंगली जानवरों पर हमला कर देते हैं और उन्हें जंगल से बाहर निकाल देते हैं।जानवरों के जंगल से भाग जाने पर सभी बहुत खुश होते हैं और कंगारू का शुक्रिया अदा करते है।इसके बाद से जंगल के सभी जानवर कंगारू के साथ प्यार से मिल-जुलकर रहने लगते हैं।
शिक्षा : - इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें कभी किसी के हुनर का मज़ाक नहीं बनाना चाहिये।
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वहा एक शेर भी रहता था जो कहता है वाह दोस्तों ! आज तो मज़ा आ गया। कितनी चमकदार धूप खिली हुई हैं। कबूतर कहता है हाँ शेर भाई ! बात तो तुम बिलकुल सही बोल रहे हो ! वरना कुछ दिनों से तो ठंड ने हमारी जान ही सुखा रखी थी। दूसरी तरफ बंदर कहता है अरे रे ! ठंड का तो पूछो ही मत, इस ठंड की वजह से मैं पिछले कुछ दिनों से भालू की गुफा में रह रहा हूँ। आज धूप निकली तो जान में जान आयी।
कहाँ गर्मियों में यह धूप हमें एक आँख नहीं सुहाती और ठंड में वही चिलचिलाती धूप चमकती नज़र आ रही है ऐसा कौआ कहता है। भालू हस्ता है..... हाहाहाहा। इसी पर सब हंसने लगते हैं, तभी वहाँ हिरण और तोता आते हैं। अरे दोस्तों क्या चल रहा है ? बहुत ठहाके लगाए जा रहे हैं। तोता कहता है ज़रा हमें भी बता दो क्या बात है ? हम भी थोड़ा हंस लेंगे। कुछ देर ऐसे ही हंसी मज़ाक चलने के बाद कंगारू बॉक्सिंग करता हुआ आता है।
शेर (कंगारू को देखते हुए) यह लो दोस्तों ! बॉक्सिंग किंग भी आ गए। इनके अंदर बॉक्सिंग के अलावा और कोई हुनर नहीं है। कोयल हस्ते हुए कहती है हाहाहाहा ! और यह इकलौता हुनर भी किसी काम का नहीं है। कंगारू (गुस्से में) कोयल से कहता है बॉक्सिंग करना मेरी आदत है। इससे मैं फुर्तीला रहता हूँ। और तो और, मेरा हुनर बहुत काम का है। इसकी अहमियत तुम सभी को एक दिन ज़रूर पता चलेगी। पीछे से बाज कहती है अरे, कंगारू भाई को तो गुस्सा आ गया ! अब कोई उनका मज़ाक नहीं बनाएगा, नहीं तो यह उसको पंच मार देंगे।
सभी जानवर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगते हैं। यह सब देखकर कंगारू को बहुत बुरा लगता है और वह उदास होकर चला जाता है। कंगारू कहता है यह सब खुद को समझते क्या हैं ? खुद को तो कुछ आता नहीं है और मेरी बॉक्सिंग का मज़ाक बना रहे हैं। इन सभी के साथ रहने से अच्छा है, मैं यहाँ से चला जाऊँ। कंगारू अपनी जगह छोड़ कर जंगल के दूसरे कोने की तरफ चल पड़ता है। कंगारू को जाता देख कबूतर उड़ता हुआ अपने दोस्तों के पास पहुँचता है।
कबूतर बोला सभी सुनो ! मेरे पास एक खबर है। सभी पक्षी और जानवर कबूतर से पूछते है क्या खबर ? कंगारू यह जगह छोड़ कर जंगल के दूसरी तरफ चला गया। कबूतर की बात सुनकर सभी जानवर हैरान हो जाते हैं और बहुत तेज़ हंसने लगते हैं। इतने में ही हार मान गया। अब हमारा मनोरंजन कौन करेगा ये शेर कहता है।
शेर के ऐसा बोलने पर सभी हंसने लगते हैं और बात को नज़रअंदाज़ करते हुए वहाँ से चले जाते हैं। देखते ही देखते समय बीतता है। एक दिन, साथ के जंगल में से एक जंगली हाथी और एक भालू उनके जंगल में घुस आते हैं और सारे जंगल में हड़कंप मचा देते हैं।
जंगली भालू तोड़-फोड़ करते हुए कहते है इसे भी तोड़ो ! उसे भी तोड़ो ! जो भी खाने को मिले, उसे बिलकुल न छोड़ो। जंगली हाथी पक्षियों के बच्चों को नुकसान पहुँचाते है और कहते है यह पीदी बच्चें ! कितना ज्यादा शोर कर रहे हैं। भालू मैं तो कहता हूँ खा जा इन्हे तू। कुछ देर इसी तरह, जंगली भालू और हाथी जंगल में पक्षी और जानवरों को नुकसान पहुँचाते हैं और फिर चले जाते हैं।
तोता मन ही मन सोचता है अच्छा हुआ चले गए ! थोड़ी देर और रुकते तो न जाने और क्या करते?! सभी जानवर शांति से रहने लगते है, लेकिन कुछ दिनों बाद वह जंगली जानवर दोबारा वापस आ जाते हैं और आतंक मचाना शुरू कर देते हैं। इसी तरह धीरे-धीरे कुछ दिनों के अंतराल पर जंगल में आकर आतंक मचाना और सभी को परेशान करना उन जंगली जानवरों कि आदत बन जाती है। सभी जानवर और पक्षी एक जगह इकट्ठा होकर बात करते हैं।
कौआ ने कहा बाबा रे बाबा ! अगर यह जंगली इसी तरह यहाँ आते-जाते रहे तो, एक दिन यह हम सभी को खा जायेंगे। हमें खुद को और अपने बच्चों को इन जंगली जानवरों से बचाने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा। लेकिन हम करेंगे क्या ? कबूतर कहने लगा दोस्तों क्यों न हम एक साथ मिलकर उनसे लड़ाई करे ? क्या पता, वह हमारी तादाद देखकर डर कर यहाँ से भाग जाये। शेर बीच में टोकते हुए कहता है नहीं ! हम तादाद में भले ही ज्यादा हो, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम इनसे जीत पायेंगे। सभी कोई तरकीब सोचने लगते है।
भालू कुछ देर सोचने के बाद कहता है दोस्तों ! मेरे पास एक तरकीब है। कोयल भालू से पूछती है कैसी तरकीब ? क्यों न हम इन जंगली जानवरों से लड़ने के लिए कंगारू कि मदद ले ? वह हमेशा बॉक्सिंग करता रहता है, इसलिए वह आराम से लड़ाई कर सकता है। ऐसे भालू ने कहा
भालू की बात पर सभी खुश हो जाते हैं, लेकिन तभी हिरण बोलता हैं। हमने आजतक कंगारू का बहुत मज़ाक बनाया है, क्या अभी भी आपको लगता है कि वह हमारी मदद करेगा ? लेकिन, एक बार उसके पास जाकर पूछने में हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। बंदर कहता है बात तो तुम्हारी सही है। चलो जल्दी चलते है। इसके बाद सभी जानवर और पक्षी इकट्ठा होकर कंगारू के पास मदद मांगने जाते हैं।
शेर कंगारू, के पास जाता है और कहता है हमें तुम्हारी मदद की जरूरत है। प्लीज उन जानवरों से लड़ाई करके हमें और हमारे बच्चों को बचा लो। लेकिन, मेरी बॉक्सिंग तो बेकार है, किसी काम की भी नहीं है। तो फिर अब आप सभी को मेरी मदद की ज़रुरत क्यों पड़ गयी ? ऐसे कंगारू ने शेर से कहा।
कंगारू की बात सुनकर सभी बहुत शर्मिंदा होते हैं और उस से माफ़ी मांगते हैं। हमें माफ़ कर दो कंगारू भाई ! भालू कहता है हमने तुम्हारा और तुम्हारे हुनर का मज़ाक बनाया। यह हमारी सबसे बड़ी गलती है। कोयल कहती है हम सब अपने किये पर बहुत शर्मिंदा हैं ! हमें माफ़ करके हमारी मदद कर दो, नहीं तो जंगल के साथ-साथ हम सभी का जीवन भी जल्द खत्म हो जायेगा। सभी को उनकी गलती का एहसास करते देख कंगारू उन्हें माफ़ कर देता है और उनकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। तुम सभी को अपनी गलती का एहसास हुआ, यही मेरे लिए काफी है।बताओं - तुम्हें मेरी क्या मदद चाहिए ?
कंगारू के पूछने पर भालू उसे सारी बात विस्तार से बताता है, जिसके बाद कंगारू कुछ सोच में पड़ जाता है।
कंगारू कुछ देर सोचने के बाद मैं मदद तो कर सकता हूँ, लेकिन मैं उन दोनों से अकेले नहीं लड़ सकता।इसके लिए तुम सब को भी मेरी मदद करनी पड़ेगी। कंगारू के बात पर तोता कहता है पर हम तुम्हारी मदद कैसे कर सकते हैं ? हमें तो लड़ाई करनी भी नहीं आती। कंगारू मैं सभी जानवरों को बॉक्सिंग सिखाऊंगा और जब हम सभी जानवर नीचे, उन दोनों जंगली जानवरों से लड़ाई कर रहे होंगे, उसी समय सभी पक्षी ऊपर से उनपर पत्थर से वार करेंगे। इस तरह हम सब मिलकर उन्हें हरा सकते हैं।
कंगारू की बात सुनकर सभी जानवरों के मन में उम्मीद जाग उठती है और वह कंगारू से बॉक्सिंग सीखने लगते हैं। इसी तरह कुछ दिन बीत जाते है और सभी जानवर लड़ाई के लिए अच्छी तरह तैयार हो जाते हैं। कुछ दिनों बाद जब वह जंगली जानवर वापस जंगल में आते है, तो बंदर उन्हें आते हुए देख लेता है।
बंदर अपनी दोस्तों से कहता है चलो साथियों - हल्ला बोलें।
सभी पक्षी और जानवर मिलकर दूसरे जंगल के जंगली जानवरों पर हमला कर देते हैं और उन्हें जंगल से बाहर निकाल देते हैं।जानवरों के जंगल से भाग जाने पर सभी बहुत खुश होते हैं और कंगारू का शुक्रिया अदा करते है।इसके बाद से जंगल के सभी जानवर कंगारू के साथ प्यार से मिल-जुलकर रहने लगते हैं।
शिक्षा : - इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें कभी किसी के हुनर का मज़ाक नहीं बनाना चाहिये।
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