बुद्धिमान साँप

किसी जंगल में साँपो का एक बहुत बड़ा झुंड रहता था। सभी सांप एक बड़े से बिल में साथ रहते थे। वे हमेशा हर मुसीबत में एक दूसरे का साथ देते थे। सबकुछ अच्छा चल रहा था कि एक दिन, साँपो का राजा सभी साँपों को अपने पास बुलाता है। और मुझे एक बहुत ज़रूरी ऐलान करना है  मैंने सुना है की जंगल में एक नेवला आया है जो बहुत ही बड़ा और खतरनाक है। उसने पहले भी बहुत साँपो को मारा है, जिसकी वजह से जंगल के सभी साँपो के बीच उसके नाम की दहशत फैल हुए है ।

राजा की बात सुनकर सभी साँप डर के मारे कांपने लगते हैं और राजा से बोलते हैं -एक साँप बोला  महाराज, अब हम सब क्या करेंगे ? इतने मे दूसरा साँप बोला अगर वह नेवला यहाँ आ गया तो ?

साँपो का राजा कहता है दोस्तों, तुम चिंता मत करो ! घबराने की कोई बात नहीं है। मेरे पास इस मुसीबत का एक उपाय है। इतने में  चिंटू, चिंकी चुनु वहा आ जाते है चिल्लाते हुए !

साँपो का राजा उनसे पूछता है ! चिंटू, चिंकी, चुनु - हम सभी बहुत बड़ी मुसीबत में हैं। हमें तुम्हारी मदद की आवश्यकता है।
चिंटू कहता है  हाँ, राजा जी ! बोलिए ! हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं ?

राजा तुम सभी जानते हो ना नेवले को ? वह हमारे इस जंगल में आ गया है। क्या तुम सभी उस नेवले से बचने के लिये कोई सुझाव दे सकते हो ? चिंकी बोलता है हाँ, जरूर महाराज।

वह तीनों साँप अलग-अलग दिशाओं में चले जाते हैं और कुछ देर बीत जाने के बाद अपने बिल में राजा के पास वापस आते हैं।उन तीनों को वापस देखकर राजा बहुत खुश होता है।
राजा  वाह ! तुम सभी को इतनी जल्दी वापस देख कर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। बताओ, क्या उपाय लेकर आए हो ?



राजा के ऐसा बोलते ही तीनों साँप मुँह नीचे करके खड़े हो जाते हैं।
राजा पूछते है  क्या हुआ ? तुम सभी चुप क्यों हो ? चिंटू, बोलो ?
चिंटू कहता है  राजा जी ! चिंकी हम सब से तेज़ है। मुझे लगा कि वह कोई उपाय ज़रूर लेकर आयेगी।राजा  ओह ! ठीक है। चिंकी, तुम क्या उपाय लायी हो ?

चिंकी कहती है, चुनु की तरफ इशारा करती है
चिंकी बोलती है राजा जी - चुन्नु हम सब से तेज़ है। मुझे लगा था कि वह तो पक्का कोई ना कोई सुझाव ज़रूर लाएगा। 

साँपो का राजा चुन्नु की तरफ देखते हुए कहता है  तुम क्या सुझाव लेकर आये हो ?
चुनु कहता है  राजा जी, मैंने सोचा कि चिंटू जरूर कोई सुझाव लेकर आएगा इसीलिए मैं कोई सुझाव नहीं लाया।
तीनों साँप बहुत शर्मिंदा होते हैं।
राजा कहता है  मैंने तुम तीनों को इतनी ज़िम्मेदारी का काम सौंपा था और मुझे उसका यह निष्कर्ष मिला ! तुम तीनों बस एक दूसरे के बारे में ख़याली पुलाव बनाते रह गए। चलो जो हुआ सो हुआ। अब तुम तीनों मिल कर काम करो। 

तीनों साँप एक कोने में जाकर आपस में चर्चा करने लगते हैं। थोड़ी देर के बाद वह तीनों वापस आते हैं और अपने बिल में आने वाले रास्ते पर नेवले को पकड़ने के लिये एक बड़ा सा जाल बिछा देते हैं।
जाल बिछाने के बाद सभी सांप बिल के अंदर चले जाते हैं। जब नेवला, साँपो के बिल में घुसने की कोशिश करता है, तो वह उस जाल में फंस जाता है।

नेवले के जाल में फंसते ही सारे सांप मिलकर नेवले पर मिलकर प्रहार करते हैं जिससे नेवला घायल हो जाता है। यह देखकर राजा बहुत खुश होता है।

साँपो का राजा बहुत बढ़िया, चिंटू, चिंकी, और चुन्नु ! अगर तुम तीनों शुरुआत में ही साथ मिलकर काम करते तो शायद हम इस नेवले को पहले ही पकड़ लेते। लेकिन कोई बात नहीं। कुछ नहीं होता। वो कहते है ना - देर आये पर दुरुस्त आये। तुम तीनों का बहुत धन्यवाद !

उस दिन के बाद से सभी साँप अपने बिलों में शांति से रहने लगते हैं और नेवला कुछ दिनों तक भूखा-प्यासा जाल में फंसा रह कर मर जाता है।

शिक्षा:- कि हमें सदैव मिलजुलकर काम करना चाहिये क्योंकि एकता में बहुत बल होता है।



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