एक बार की बात है, उन्नाव गाँव में गोपाल नाम का एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। उसके दो बच्चे थे। रिया और राहुल।दोनों ही बहुत तेज़ और बुद्धिमान थे। वह दोनों काम में अपने मम्मी-पापा की मदद करते थे।एक दिन गाँव के मेले में घूमते हुए रिया और राहुल दो मिट्टी के खिलौने खरीदते है और वापस घर आ जाते है।
रिया अपने खिलौने को बिस्तर के पास रख देती है और सौ जाती है।राहुल भी ऐसा ही करता है आधी रात बीतती है कि अचानक राहुल की नींद खुल जाती है। उसे कमरे के बाहर कुछ आवाज़े सुनाई देती है।तभी राहुल बोलता है , यह आवाज़ कैसी है ? सभी तो यहीँ सौ रहे है, फिर बाहर कौन हो सकता है ?
यह देखने के लिए राहुल उठकर कमरे से बाहर जाता है और जैसे ही बाहर का नज़ारा देखता है वह एकदम भौचक्का रह जाता है। वह भागता हुआ वापस कमरे में आता है और रिया को उठाता है।
राहुल घबराते हुए बोलता है, रिया उठो ! प्लीज जल्दी उठो, देखो कमरे के बाहर वह दोनों खिलौने.....
रिया बोलती है, क्या हुआ राहुल ? क्यों इतनी रात को क्यों चिल्ला रहे हो ?
राहुल : चलो मेरे साथ ! वह देखो बाहर दोनों खिलौने, बात कर रहे है।
राहुल की यह बात सुनकर रिया उसके साथ कमरे से बाहर जाकर देखती है और जैसे ही वह दोनों कमरे से बाहर पहुंचते है तो दोनों हक्के-बक्के रह जाते है।
दोनों भाई-बहन असमंजस में पड़ जाते है और वापस कमरे की तरफ मुड़ते है, तभी दोनों खिलौने बच्चों को देख लेते है।
तभी दुल्हन एक जादू करती है और देखते ही देखते रिया और राहुल भी एक खिलौने जितने छोटे हो जाते है।
दोनों घबराते हुए जैसे ही पीछे मुड़ते है तो उन्हें वहा मिट्टी के दोनों खिलौने ठीक उनके पीछे खड़े दिखाई देते है। खिलौनों को देखकर दोनों भाई-बहन बहुत डर जाते है और डर की वजह से बहुत तेज़ चिल्लाने लगते है, लेकिन वह दोनों इतने छोटे हो चुके होते है की अब उनका चिल्लाना किसी को सुनाई नहीं देता है।
राहुल कुछ बोल पाता इतनी देर में वह मिट्टी के खिलौने उन दोनों को अपने साथ कैद करके उसी खिलौने बनाने वाले के पास ले जाते है जहाँ से दोनों बच्चों ने उन्हें ख़रीदा होता है।
खिलौने बनाने वाला बोलता है, वाह मेरे होशियार खिलौनों ! और दो नए नौकर ले आये तुम मेरे लिए।मुझे बहुत ख़ुशी हुई।
तभी मिट्टी की दुल्हन बोलती है, मालिक ! इन दोनों ने हमें देख लिया था इसीलिए हम कुछ चोरी नहीं कर पाए और इन्हे कैदी बना कर यहाँ ले आये। इसके बाद वह खिलौने बनाने वाला उन दोनों बच्चों को एक छोटे से पिंजरे में डाल देता है और वहाँ से चला जाता है व उसी के साथ सभी खिलौने भी वहाँ से चले जाते है।
दोनों बच्चें उदास होकर वही बैठ जाते है और इसी तरह सौ जाते है। अगले दिन जब उनकी नींद खुलती है तो वह देखते है की खिलौने वाला उनके सामने ही खड़ा होता है।
वह उन दोनों को मिट्टी खोदने के लिए कैदखाने में डाल देता है।जहाँ पहुंच कर रिया और राहुल मिट्टी खोदने में लग जाते है।
तभी दोनों बच्चे बोलते है, हमें जल्द ही यहाँ से बाहर निकलने का कोई रास्ता ढूँढना होगा। दोनों भाई-बहन यह बात करते हुए मिट्टी लेकर खिलौने वाले के पास पहुँचते है और छुप कर खिलौने वाले को जादू करते हुए देख लेते है।
इसके बाद वह चम्मच की मदद से मटके में से ज़रा सा पानी निकालता है और उसे उन सभी खिलौनों पर छिड़क देता है।जिसके बाद उन सभी में जान आ जाती है और वह चलने लगते है।यह सब पीछे खड़े रिया और राहुल देख लेते है।
दोनों मिट्टी लेकर खिलौने बनाने वाले के पास जाते है।वह उन दोनों को अपने हाथ पर उठाकर ऊपर बाकी सभी खिलौनों के पास रख रहा होता है की तभी उसके हाथ डगमगा जाते है और राहुल उसके हाथ से गिर कर जादुई पानी के मटके में गिरने लगता है।जिसे खिलौने बनाने वाला झट से लपक कर पकड़ लेता है।
खिलौने बनाने वाला बोलता है, हे भगवान ! बच गया आज तो मैं, अगर यह बच्चा इसमें गिर जाता तो आज मैं बर्बाद हो जाता।
खिलौने वाले की यह बात राहुल सुन लेता है।रात को जब वह खिलौने वाला उन दोनों को वापस पिंजरे में बंद कर देता है तब राहुल सारी बात रिया को बता देता है ।
अगले दिन जब दोनों बच्चों को मिट्टी खोदने के लिये पिंजरे से बाहर निकाला जाता है, तो दोनों एक योजना बनाते है और मौका ढूंढ कर जादुई पानी के मटके के पास पहुंच कर उसके अंदर कूद जाते है।
दोनों बच्चों के उसके अंदर कूदते ही एक तेज़ धमाका होता है और दोनों भाई-बहन दोबारा बड़े हो जाते है व साथ ही सभी खिलौना मिट्टी में बदल जाते है व सभी बच्चों पर से जादू का प्रभाव खत्म हो जाया है।
इसके बाद वह दोनों बच्चें मिलाकर उस जादुई खिलौने बनाने वाले के सर पर ज़ोर से वार करते है।जिसके बाद वह वही बेहोश हो जाता है और वह उसे कैदखाने में बंद कर देते है और सभी बच्चों को उसकी कैद से छुड़वा कर वहा से बाहर निकल जाते है।
शिक्षा:- परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमें हमेशा शांति और बुद्धिमत्ता से काम करना चाहिए।
रिया अपने खिलौने को बिस्तर के पास रख देती है और सौ जाती है।राहुल भी ऐसा ही करता है आधी रात बीतती है कि अचानक राहुल की नींद खुल जाती है। उसे कमरे के बाहर कुछ आवाज़े सुनाई देती है।तभी राहुल बोलता है , यह आवाज़ कैसी है ? सभी तो यहीँ सौ रहे है, फिर बाहर कौन हो सकता है ?
यह देखने के लिए राहुल उठकर कमरे से बाहर जाता है और जैसे ही बाहर का नज़ारा देखता है वह एकदम भौचक्का रह जाता है। वह भागता हुआ वापस कमरे में आता है और रिया को उठाता है।
राहुल घबराते हुए बोलता है, रिया उठो ! प्लीज जल्दी उठो, देखो कमरे के बाहर वह दोनों खिलौने.....
रिया बोलती है, क्या हुआ राहुल ? क्यों इतनी रात को क्यों चिल्ला रहे हो ?
राहुल : चलो मेरे साथ ! वह देखो बाहर दोनों खिलौने, बात कर रहे है।
राहुल की यह बात सुनकर रिया उसके साथ कमरे से बाहर जाकर देखती है और जैसे ही वह दोनों कमरे से बाहर पहुंचते है तो दोनों हक्के-बक्के रह जाते है।
दोनों भाई-बहन असमंजस में पड़ जाते है और वापस कमरे की तरफ मुड़ते है, तभी दोनों खिलौने बच्चों को देख लेते है।
तभी दुल्हन एक जादू करती है और देखते ही देखते रिया और राहुल भी एक खिलौने जितने छोटे हो जाते है।
दोनों घबराते हुए जैसे ही पीछे मुड़ते है तो उन्हें वहा मिट्टी के दोनों खिलौने ठीक उनके पीछे खड़े दिखाई देते है। खिलौनों को देखकर दोनों भाई-बहन बहुत डर जाते है और डर की वजह से बहुत तेज़ चिल्लाने लगते है, लेकिन वह दोनों इतने छोटे हो चुके होते है की अब उनका चिल्लाना किसी को सुनाई नहीं देता है।
राहुल कुछ बोल पाता इतनी देर में वह मिट्टी के खिलौने उन दोनों को अपने साथ कैद करके उसी खिलौने बनाने वाले के पास ले जाते है जहाँ से दोनों बच्चों ने उन्हें ख़रीदा होता है।
खिलौने बनाने वाला बोलता है, वाह मेरे होशियार खिलौनों ! और दो नए नौकर ले आये तुम मेरे लिए।मुझे बहुत ख़ुशी हुई।
तभी मिट्टी की दुल्हन बोलती है, मालिक ! इन दोनों ने हमें देख लिया था इसीलिए हम कुछ चोरी नहीं कर पाए और इन्हे कैदी बना कर यहाँ ले आये। इसके बाद वह खिलौने बनाने वाला उन दोनों बच्चों को एक छोटे से पिंजरे में डाल देता है और वहाँ से चला जाता है व उसी के साथ सभी खिलौने भी वहाँ से चले जाते है।
दोनों बच्चें उदास होकर वही बैठ जाते है और इसी तरह सौ जाते है। अगले दिन जब उनकी नींद खुलती है तो वह देखते है की खिलौने वाला उनके सामने ही खड़ा होता है।
वह उन दोनों को मिट्टी खोदने के लिए कैदखाने में डाल देता है।जहाँ पहुंच कर रिया और राहुल मिट्टी खोदने में लग जाते है।
तभी दोनों बच्चे बोलते है, हमें जल्द ही यहाँ से बाहर निकलने का कोई रास्ता ढूँढना होगा। दोनों भाई-बहन यह बात करते हुए मिट्टी लेकर खिलौने वाले के पास पहुँचते है और छुप कर खिलौने वाले को जादू करते हुए देख लेते है।
इसके बाद वह चम्मच की मदद से मटके में से ज़रा सा पानी निकालता है और उसे उन सभी खिलौनों पर छिड़क देता है।जिसके बाद उन सभी में जान आ जाती है और वह चलने लगते है।यह सब पीछे खड़े रिया और राहुल देख लेते है।
दोनों मिट्टी लेकर खिलौने बनाने वाले के पास जाते है।वह उन दोनों को अपने हाथ पर उठाकर ऊपर बाकी सभी खिलौनों के पास रख रहा होता है की तभी उसके हाथ डगमगा जाते है और राहुल उसके हाथ से गिर कर जादुई पानी के मटके में गिरने लगता है।जिसे खिलौने बनाने वाला झट से लपक कर पकड़ लेता है।
खिलौने बनाने वाला बोलता है, हे भगवान ! बच गया आज तो मैं, अगर यह बच्चा इसमें गिर जाता तो आज मैं बर्बाद हो जाता।
खिलौने वाले की यह बात राहुल सुन लेता है।रात को जब वह खिलौने वाला उन दोनों को वापस पिंजरे में बंद कर देता है तब राहुल सारी बात रिया को बता देता है ।
अगले दिन जब दोनों बच्चों को मिट्टी खोदने के लिये पिंजरे से बाहर निकाला जाता है, तो दोनों एक योजना बनाते है और मौका ढूंढ कर जादुई पानी के मटके के पास पहुंच कर उसके अंदर कूद जाते है।
दोनों बच्चों के उसके अंदर कूदते ही एक तेज़ धमाका होता है और दोनों भाई-बहन दोबारा बड़े हो जाते है व साथ ही सभी खिलौना मिट्टी में बदल जाते है व सभी बच्चों पर से जादू का प्रभाव खत्म हो जाया है।
इसके बाद वह दोनों बच्चें मिलाकर उस जादुई खिलौने बनाने वाले के सर पर ज़ोर से वार करते है।जिसके बाद वह वही बेहोश हो जाता है और वह उसे कैदखाने में बंद कर देते है और सभी बच्चों को उसकी कैद से छुड़वा कर वहा से बाहर निकल जाते है।
शिक्षा:- परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमें हमेशा शांति और बुद्धिमत्ता से काम करना चाहिए।
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