जादूगरनी और अर्जुन

धवलपुर नामक गाँव में अर्जुन नाम का एक बच्चा रहता था। वह बहुत ही नटखट और शैतान था। गाँव के सभी लोग उसकी शरारतों से बहुत परेशान थे। अर्जुन गाँव के बच्चों को तो सताता ही था, साथ ही बड़ों को भी बहुत परेशान करता था। उसे हर समय सिर्फ शरारत ही सूझती थी। 

एक दिन गाँव के सरपंच, एक घने पेड़ के नीचे पंचायत लगा कर बैठे हुए थे। तभी वहां बहुत तेज़ हवा चलने लगती है। यह सब देखकर गाँव वाले सोच में पड़ जाते हैं,  तभी सरपंच बोलते है। 
तुम सब शांत हो जाओ। अगर इस गाँव पर कोई मुसीबत आने वाली है, तो हम सब उसका मिलकर सामना करेंगे। 

सरपंच के ऐसा बोलते ही हवा रुक जाती हैं और उन सबके सामने एक जादूगरनी आती है, जिसका नाम होता है - शकीरा। 
शकीरा अपने जादू से सभी गाँव वालों को रस्सी से एक साथ बाँध देती है और पूरे गाँव में कोहराम मचा देती है। पास की झाड़ियों में छुपा अर्जुन यह सब देखता रहता है। 


गाँव वालों को परेशान देखकर अर्जुन उस जादूगरनी को भगाने के लिए तरकीब सोचने लगता है। काफी देर सोचने के बाद जब अर्जुन को कोई तरकीब नहीं सूझती तो वह गाँव के बाहर रहने वाले साधू बाबा के पास जाता है। अर्जुन, साधु बाबा को सारी बात विस्तार से बताता है। तभी साधु बोलते है,   तुम चिंता मत करो अर्जुन, मेरे पास इस मुसीबत का हल  है। 
साधु बाबा अर्जुन को एक लोटा देते हैं, और कहते है ।

ये लो , इस लोटे में जल है। अगर वो जादूगरनी इस जल को पी ले तो वह उसी समय भस्म हो जाएगी। 
साधु की बात सुन कर अर्जुन कहता है , अगर ऐसी बात है, तो मैं अभी जाकर ये जल उस जादूगरनी को पिला देता हूँ। 

अर्जुन वह जल लेकर अपने गाँव की तरफ चल पड़ता है। जैसे ही अर्जुन उस जादूगरनी के सामने पहुँचता है।  वो उसे देखकर जोर-जोर से हँसने लगता है। तभी जादूगरनी और अर्जुन के बीच कुछ बाते होती है।  

जादूगरनी : हम्म्म, तुम्हारी इतनी हिम्मत, कि तुम मुझे देख कर हँस रहे हो। क्या तुम्हें डर नहीं लगता ?

अर्जुन : तुम्हारी शक्ल इतनी मज़ेदार है, कि हँसी तो आएगी ही ना। अच्छा होगा अगर तुम जादू से अपनी शक्ल छुपा लो, तो शायद मेरी हँसी रुक जाए। 

जादूगरनी : पर मुझे ऐसा कोई जादू नहीं आता, जिससे मैं गायब हो सकूं। 

जादूगरनी की ये बात सुनकर अर्जुन को एक तरकीब सूझती है। वो पानी से भरा हुआ लोटा जादूगरनी को देता है। 

जैसे ही वो जल खत्म होता है, जादूगरनी शकीरा उसी समय भस्म हो जाती है। यह देखकर सभी गाँव वाले आश्चर्यचकित हो जाते हैं। अर्जुन गाँव वालों को पूरी बात बताता है और प्रशंसा का पात्र बनता है।       

इस तरह अर्जुन की समझदारी से गाँव वालो को  बुरी जादूगरनी से छुटकारा मिल जाता है और वो सब ख़ुशी खुशी रहने लगते हैं । 

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