नैतिक कहानियाँ - जादुई पेंसिल

बहुत समय पहले किसी गाँव में सुन्दर नाम का एक आदमी रहता था। सुन्दर एक बहुत अच्छा चित्र्कार था। जब एक दिन खाना बनाने के लिए सुन्दर जंगल में लकड़ियाँ काटने जा रहा था। तभी उसकी नज़र एक चमकदार चीज़ पर पड़ी और बोला, “ये इतनी चमकदार चीज़ क्या है?” यह सोचकर सुन्दर उस चमकदार चीज़ के पास गया, और उसने उस चमकने वाली चीज़ को उठाकर बोला, “अरे ! यह तो बस एक पेंसिल हैं। पर ये इतनी चमक क्यों रही है?”

सुन्दर थोड़ी देर उस चमकने वाली पेंसिल को निहारता रहा। तभी उसे याद आया की उसे खाना बनाने के लिए लकड़ियाँ काटने जाना था। वह उस पेंसिल को अपने साथ लेकर वहाँ से चला गया। जब सुन्दर शाम को घर आया तो उसने देखा की अभी भी उस पेंसिल की चमक वैसे की वैसे ही थी। 

सुन्दर ने उस पेंसिल का इस्तेमाल किया, और उस पेंसिल से उसने चित्र्कारी करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने एक सेब बनाया, और जैसे ही उस कागज़ पर सेब बन गया वह सेब उसकी आँखों के सामने असलियत में आ गया। जिसे देखकर सुन्दर एक दम हक्का-बक्का रह गया। उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था, फिर उसने दोबारा उस पेंसिल से एक कुल्हाड़ी बनाई। वह कुल्हाड़ी भी उसके सामने प्रकट हो गयी। सुन्दर को यकीन हो गया था, की यह एक जादुई पेंसिल है।  


उस पेंसिल को पाकर सुन्दर बहुत खुश हो गया था। अब उस पेंसिल के ज़रिये सुन्दर ने अपनी ज़रूरतों का सारा सामान बना लिया था । ऐसे ही करते-करते अब उसके पास हर एशो आराम की चीज़े थीं, जिसके बाद वह आराम का जीवन बिताने लगा। तभी एक दिन सुन्दर ने सोचा, “मैंने तो अपनी ज़रुरत की सारी चीज़े पा ली, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो अपनी ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाते होंगे। क्यों ना मैं उनकी मदद करूँ !” 

सुन्दर यह सोच ही रहा था की तभी उसे याद आया की उसका एक दोस्त, जो दूसरे गाँव में रहता हैं। जिसके पिताजी का स्वास्थ्य बहुत ख़राब रहता हैं। सुन्दर ने सोचा, “क्यों ना मैं अपने दोस्त की मदद कर दू।” सुन्दर अगली सुबह अपने दोस्त सोहन से मिलने चला गया। वो दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए।   

सुन्दर ने अपने दोस्त सोहन को भरोसा दिलाने के लिए उस जादुई पेंसिल से एक आम बनाया, और वह आम उन लोगो के सामने आ गया। यह देखकर सोहन हैरान रह गया था।  उसके बाद, सुन्दर सोहन की मदद करने लगा। सोहन की ज़रूरतों का सारा सामान उस पेंसिल के ज़रिये बना दिया। और उसकी मदद करके वहाँ से चला गया। 

धीरे-धीरे कर के सुन्दर हर उस इंसान की जरूरते पूरी करता था, जिसे मदद की जरूरत होती थी। ऐसा करते-करते वो पूरे गाँव में मशहूर हो गया। एक दिन गाँव के कुछ लोग सुन्दर की जादुई पेंसिल के बारे में आपस में बात कर रहे थे की तभी वहाँ खड़े हुए एक आदमी ने सब कुछ सुन लिया और उसने सोचा, “अरे वाह ! ये जादुई पेंसिल अगर मुझे मिल जाए तो मैं अमीर हो जाऊँगा।”

एक दिन किसी काम से सुन्दर कही जा रहा था। तभी उस आदमी ने सुन्दर का अपहरण कर लिया। वो सुन्दर को अपने घर ले गया। उस आदमी ने सुंदर से सोने का पहाड़ बनाने को कहा। सुन्दर ने एक सोने का पहाड़ बना दिया, लेकिन उसने पहाड़ के साथ-साथ एक बहुत लंबी नहर भी बनाई। पहाड़ देखकर वो आदमी बहुत खुश हो गया, और उसने सुन्दर से उसकी जादुई पेंसिल छीन ली। जैसे ही वो नाव की तरफ जा रहा था उससे जादुई पेंसिल गिर गई।  पर वो आदमी इतना खुश था की उसे कुछ पता नहीं चला लेकिन सुन्दर ने वो जादुई पेंसिल गिरते हुए देख ली। जैसे ही वो आदमी नहर के बीच में पहुंचा, सुन्दर ने जल्दी से पेंसिल उठाई और नहर में लंबी-लंबी लहरों को बना दिया। और वो आदमी लहरों में बह गया। 

तो इस तरह सुन्दर ने अपनी जादुई पेंसिल को गलत हाथों में जाने से बचा लिया। 

शिक्षा - अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके बड़ी से बड़ी मुसीबतों से निकला जा सकता है।    

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