भुक्खड़ चूहा

कुछ समय पहले की बात हैं। एक गाँव में चूहों का एक परिवार रहता था। उन चूहों में से एक चूहा ऐसा भी था जिसे खाने की बहुत बुरी आदत थी, वह पूरा समय बस खाता और सोता रहता था।वह इतना खाता था लेकिन फिर भी उसे संतुष्टि नहीं होती थी।उसकी इस आदत से उसके परिवार वाले भी परेशान रहते थे। एक दिन सुबह कूकू चूहे के दोस्त का जन्मदिन था । और उसका दोस्त उसे जन्मदिन पर न्यौता देने आया ।  

अब अगले दिन कूकू चूहा पार्टी में गया, और वहाँ जाकर भी वह अपनी भूख पर काबू नहीं कर पाया। और सारा केक  मेहमानों के आने से पहले ही खा गया। यह देखकर सब कूकू चूहे पर बहुत गुस्सा हो गए , और उसे पार्टी से जाने को कहने लगे। अब निराश होकर कूकू चूहा वापस अपने घर को निकल गया, मगर इन सब के बाद भी कूकू चूहे के खाने की आदत में कोई परिवर्तन नहीं आया। 

अगले दिन कूकू चूहे का एक दोस्त उसे खेतों में बुलाने के लिए आया । कूकू चूहा और पिंटू चूहा अपने बाकि सभी दोस्तों के साथ खेत में चले गए । खेत में जाकर वह फ़सलों पर टूट पड़ा ।  सभी ने जल्दी-जल्दी खाना खा लिया, लेकिन भुक्खड़ चूहे का पेट नहीं भरा । यह देखकर उसका दोस्त पिंटू चूहा उससे बोला, “अरे ! जल्दी खा ना हमें जाना भी हैं।” यह सुनकर कूकू चूहा बोला , “अरे ! रुक ना इतनी भी क्या जल्दी हैं ? अभी पेट भर कर खाने दें और एक लंबी सी डकार लेने दे। फिर हम चलेंगे। 


ऐसा कहकर कूकू चूहा और खाने लगा पर पिंटू चूहा फिर से बोला, “ अरे! जल्दी करना। इतने में सभी चूहों में भगदड़ मच गयी। चूहे चिल्लाने लगे, “भागों! भागों! बिल्ली आ गयी!!” सारे चूहे तेज़ी से भागने लगे, मगर भुक्खड़ चूहा बहुत धीरे-धीरे चल रहा था। क्योंकि बहुत ज़्यादा खाने की वजह से वह भाग नहीं पा रहा था। और वह अपने दोस्तों से कहने लगा, “मेरे लिए रुको !”

इतने में कूकू चूहे का पैर कही पर फँस गया। कूकू चूहा फटाफट अपना पैर निकालने लगा। यह देखकर बिल्ली धीरे-धीरे उसके पास आ रही थी और बोली, “हीहीही अब तुझे मुझसे कौन बचाएगा। आज तो मेरी दावत हो गयी।”
इतने में कूकू चूहे का पैर निकल गया फिर लंगड़ाते - लंगड़ाते कूकू चूहा जैसे तैसे भागने लगा। फिर बिल्ली भी एक दम से उसके पीछे भागने लगी लेकिन थोड़ी ही देर में उसका घर आ गया और वो बोला, “उफ़! बच गया !”

ऐसा सोचकर अब कूकू चूहा धीरे- धीरे चलने लगा था। उतनी देर में वो बिल्ली दौड़ कर आ गयी । बाकि चूहे अभी तक अपने-अपने घर में घुस गए थे । लेकिन कूकू चूहा पीछे रह गया, वो जैसे ही घर में घुसने लगा। तो वह दरवाज़े में ही अटक गया … क्योंकि खा-खाकर उसका पेट इतना मोटा हो गया था कि वह अब अपने ही घर में घुस नहीं पा रहा था…अब अंदर से सभी चूहे उसे घर के अंदर खींचने लगे और बाहर से बिल्ली उसकी पूछ पकड़कर उसे बाहर खींचने लगी ।

यह देखकर कूकू चूहा चिल्लाने लगा, और रोने लगा लेकिन बिल्ली ने उसकी पूछ नहीं छोड़ी व आखिर में उसकी पूछ ही कट गयी । और बिल्ली धड़ाम से पीछे गिर गयी । सभी चूहों ने जैसे-तैसे कूकू चूहे को अंदर खींच लिया ।

इस घटना के बाद कूकू चूहे को अपनी गलती का एहसास हुआ, और अब उसने खाने का लालच छोड़ दिया  । 

शिक्षा - किसी भी चीज़ की अति हमेशा नुकसानदायक होती हैं। 

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