जादूई बूटी और राक्षस

बहुत समय पहले किसी जंगल के पास एक छोटा सा गांव था। उस गांव में माखन सिंह अपने बेटे टिल्लू के साथ रहता था। एक बार वो शहद के लालच में मधुमख्खी के छत्ते को तोड़ने की गलती कर बैठा। जिसके कारण मधुमखियों ने उसकी आँखों में डंक मार-मार कर उसे अँधा कर दिया था। माखन सिंह के बेटे टिल्लू को अपने पिताजी की बहुत चिंता रहती थी।

एक दिन निराश होकर वो कहीं जा रहा था। तभी उसे गंगू मौसी मिली। वो उसका निराश चेहरा देखकर बोली, ”टिल्लू तुम इतने दुखी क्यों हो ?” इसपर टिल्लू बोला, “मौसी मैं पिताजी को लेकर बहुत दुखी हूँ. वो कुछ देख नहीं पाते इसलिए बहुत दुखी रहते है उन्हें देखकर मुझे बहुत दुःख होता है।” इस पर गंगू मौसी ने उसे सलाह दी, ”तुम नट्टू काका से मिलो, उनके पास तुम्हारी परेशानी का कोई न कोई हल ज़रूर होगा।


टिल्लू को गंगू मौसी का सुझाव बहुत अच्छा लगा। वो अगले ही दिन अपने पिताजी को लेकर नट्टू काका के पास गया। नट्टू काका ने माखन सिंह की आँखों में ध्यान से देखा और बोले, ”मैं तुम्हारे पिताजी की आंखें ठीक कर सकता हूँ, लेकिन उसके लिए मुझे कुछ जादुई-बूटियां चाहिए होंगी।” इसपर टिल्लू बोला,”कौन सी जड़ी -बूटी? आप मुझे बताइए मैं अपने पिताजी के लिए कोई भी जड़ी-बूटी लाने के लिए तैयार हूँ।” ये सुनकर नट्टू काका बोले, ”वो जादूई जड़ी-बूटी है. उसे लाने के लिए तुम्हें पहाड़ के उस तरफ घने जंगलों में जाना होगा।

टिल्लू ने पूछा, ”वो बूटी दिखती कैसी है?” “जिस बूटी से तुम्हें सफ़ेद रंग की किरणें निकलती दिखे बस समझ जाना वो ही जादुई बूटी है. बस एक बात का ध्यान रखना वहां एक भयानक राक्षस रहता है. वो तुम्हें आसानी से वो बूटी नहीं लेने देगा”. ऐसा कहकर काका ने उसे एक बूटी दे दी। बूटी देख टिल्लू बोला, “इससे क्या होगा?” काका हँसते हुए बोले, ”तुम इसे खाओगे तो तुम्हें पता चल जाएगा!“

टिल्लू अपने पिताजी के पास गया और बोला,”पिताजी आप चिंता मत कीजिये, मैं जल्द ही जादुई बूटी लेकर वापस आऊंगा।” पिताजी से आशीर्वाद लेकर टिल्लू घने जंगलों की और चल दिया। कुछ आगे जाकर उसने देखा कि जंगल में बड़े-बड़े पेड़ो के इलावा और कुछ नहीं था. तभी अचानक एक बहुत भयानक राक्षस उसके सामने आकर खड़ा हो गया। टिल्लू उसे देखकर डर गया। राक्षस ने उससे पूछा, ”कौन हो तुम और मेरे जंगल में क्यों आए हो?”

ये सुनकर टिल्लू उसे जादुई बूटी के बारे में बताने लगा. लेकिन तभी उसे याद आया, “नट्टू काका बता रहे थे कि ये राक्षस मुझे आसानी से वो जादुई बूटी नहीं देगा इसलिए मुझे कोई तरकीब सोचनी होगी। ये सोचकर टिल्लू बोला,”मैं दूसरे जंगल से आया एक व्यापारी हूँ। मैं तुम्हें उस चीज़ के बारे में बता दूंगा लेकिन पहले ये बताओ तुम मुझे उसके बदले क्या दे सकते हो?” राक्षस बोला, ”मैं तुम्हें इस जंगल के सारे फल दे सकता हूँ” इसपर टिल्लू बोला, “फल तो मेरे गांव में भी है। मुझे कुछ ऐसा दो जो कही और से नहीं मिल सकता। अगर तुम्हारे पास ऐसा कुछ नहीं है तो मैं चलता हूँ। ये कहकर वो पलटकर चलने लगा।

तभी राक्षस बोला ,”रुको! मेरे पास ऐसी बहुत सी जादुई जड़ी-बुटियाँ है जो तुम्हें कही नहीं मिलेगी! टिल्लू समझ गया कि राक्षस उसके जाल में फँस चूका हैं. वो अपनी ख़ुशी को छिपाकर हैरान होकर बोला,”सच ! तुम्हारे जंगल में ऐसी जड़ी-बुटिया हैं?” ”हाँ ऐसी जादुई जड़ी-बुटिया तुमने कही नहीं देखी होगी “ इतना कहकर राक्षस टिल्लू को पहाड़ी के दूसरी तरफ जादुई जड़ी- बूटियों के पास ले गया।

वहां बहुत सारी जादू जड़ी-बूटियां थी। सभी जड़ी-बूटियों में से तरह तरह की किरणें निकल रही थी। तभी टिल्लू ने देखा एक जड़ी-बूटी में से सफ़ेद रंग की किरणे निकल रही थी। वो उस बूटी की तरफ इशारा करके बोला, ”मैं वो वाली बूटी लूंगा!“
राक्षस आगे बड़ा और उसने वो बूटी लेकर टिल्लू को दे दी और बोला ,”अब तुम मुझे उस चीज़ का नाम बताओ जो मुझे और भी शक्तिशाली बना सकती हैं। इस पर टिल्लू पहले थोड़ा पीछे हटा और बोला ,”वो चीज़ हैं अक्ल. अगर तुम्हारे पास थोड़ी अक्ल और आ जाए तो तुम दुनिया के सबसे शक्तिशाली राक्षस बन सकते हो। क्योंकि अक्ल ही दुनिया की सबसे शक्तिशाली चीज़ हैं।
राक्षस बोला,” नहीं मैं हूँ सबसे शक्तिशाली!” इसपर टिल्लू बोला ,”मैंने तुम्हें अपनी अक्ल से बेवकूफ बनाकर तुमसे ये जादूई जड़ी-बूटी ले ली इसलिए अक्ल ही दुनिया की सबसे शक्तिशाली चीज़ हुई. और मैंने वादे के अनुसार तुम्हें उस चीज़ के बारे में भी बता दिया जिससे तुम और भी शक्तिशाली हो जाओगे, तो अब हमारा हिसाब बराबर हुआ”.

ये सुनकर राक्षस बहुत गुस्सा हो गया. वो चिल्लाकर बोला, ”तुमने मुझे पागल बनाया! मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा”. “जब मैं तुम्हारे हाथ में आऊंगा तब कुछ करोगे ना?” यह कहकर टिल्लू जल्दी से दौड़ने लगा। राक्षस भी चिल्लाता हुआ उसके पीछे दौड़ा. तभी टिल्लू को नट्टू काका की बात याद आई और उसने नट्टू काका की दी बूटी खा ली। जड़ी-बूटी खाते ही उसमे बहुत शक्ति आ गई और वो बहुत तेज़ी से दौड़ने लगा, और राक्षस उसे देखता ही रह गया.

तेज़ी से दौड़ता हुआ टिल्लू अपने गांव पहुंचा। अपने गांव लौटकर उसने जादुई बूटी नट्टू काका को दी। नट्टू काका ने उस बूटी की दवा बनाकर जैसे ही टिल्लू के पिताजी के आँखों में डाली, उनकी आँखें एकदम ठीक हो गई और उन्हें सब दिखने लगा।

इस तरह टिल्लू ने अपनी अक्ल से उस शक्तिशाली राक्षस को भी हराया और अपने पिताजी की आँखें भी ठीक कर दी।

शिक्षा - दुनिया में अक्ल ही सबसे शक्तिशाली चीज़ है। और जिसके पास अक्ल हैं उसे कोई नहीं हरा सकता।

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