पंचतंत्र की कहानी - जादुई गाय


बहुत समय पहले एक छोटे से गांव में, लल्लन और हरी नाम के दो किसान रहते थे। लल्लन और हरि बहुत समृद्ध किसान थे। उनके पास एक बड़ा खेत और कई गाय थीं। लेकिन वे इससे खुश नहीं थे। वह और अमीर होना चाहते थे। उनके पड़ोस में गोपाल नाम का एक और किसान रहता था। गोपाल एक गरीब किसान था। उसके पास केवल एक गाय और एक छोटा सा खेत था। लेकिन, वह खुश था। सोने से पहले हर रात वह भगवान को धन्यवाद देता था| उसकी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था |


लेकिन यह सब देखकर हरी और लल्लन बहुत जलते थे | वह आपस में यही बात करते रहते थे वह हमेशा ख़ुश कैसे रहता है | जबकि उसके पास तो एक खेत और एक ही गाय है| वे दोनों सोचते हैं की यदि वे उसकी गाय खरीद लें तो उसके पास खुश रहने के लिए कुछ नहीं बचेगा | यह सोचकर एक दिन लल्लन और हरि गाय खरीदने के लिए गोपाल के घर गए| और कहा की वे  उसे उसकी गाय के बदले 20 चाँदी के सिक्के दे सकते हैं |लेकिन गोपाल अपनी प्रिय गाय को नहीं बेचना चाहता था | इसलिए उसने स्पष्ट रूप से मना कर दिया और उनको, उसके घर से चले जाने को कहा | यह सुनकर हरी और लल्लन ने खुद को बहुत अपमानित महसूस किया| और गोपाल से बदला लेने की ठानी | उन्हे पता था की गोपाल को उसकी गाय पर बहुत गर्व है | इसलिए उन्होने सोचा की क्यों ना वे उसे उसकी गाय को बेचने पर मजबूर कर दें | यह सोचकर उन्होने योजना बनाई की यदि वे उसकी फसल को बर्बाद कर दें तो उसके पास गाय को खिलाने के लिए कुछ नहीं बचेगा | और आखिरकार उसे उसकी गाय को बेचना पड़ेगा |
योजना के अनुसार, उन्होंने रात में गोपाल की फसल जला दी। सुबह जब गोपाल ने जली हुई फसल देखी तो वह बहुत दुखी हो गया और उसकी आखों में आंसू आ गए| गोपाल टूट गया था। एक सप्ताह के बाद भी, वह कोई समाधान नहीं निकाल पाया और गाय भी भूखी थी ! उसे खिलाने के लिए भी गोपाल के पास कुछ नहीं था ! वह सोचने लगा अगर वह गाय को नहीं खिला पाया तो वह भूख से मर जाएगी।इसलिए, उसे बेचना ही बेहतर है।

यह सोचकर अगली सुबह, वह गाय और उसके पास जितने भी चांदी के सिक्के थे सब साथ लेकर बाजार के लिए चल दिया। बाजार जाते हुए वह सोचने लगा अगर रास्ते में लुटेरों ने उस पर हमला किया तो क्या होगा? वह अपनी सारी चीज़ें खो देगा। यह सोचकर, उसने गाय के गले की थैली में उसके 10 चांदी के सिक्कों को छुपा दिया। थोड़ी देर यात्रा करने के बाद, वह थक गया और उसने एक सराय में आराम करने का फैसला किया।उसने सराय के बाहर गाय को बांध दिया और अंदर चला गया। तभी अचानक, एक चांदी का सिक्का गाय के गले की थैली से निकलकर बाहर गिर जाता है। सराय के मालिक ने यह देखा तो वहआश्चर्यचकित रह गया| उसने सोचा की जरूर यह एक जादुई गाय है | तभी इसके गले से चाँदी के सिक्के निकल रहे हैं | यह सब देखकर उसे लालच आ गया | और उसने गोपाल को कहा की वह उसे उसकी गाय के बदले चाँदी के सिक्कों से भरा थैला दे सकता है |गोपाल को पता था कि यह वास्तविक की मत नहीं है। लेकिन इसे भगवान की इच्छा के रूप में लेते हुए, गोपाल ने कहा की  ठीक है, आप इसे चांदी के सिक्कों के बैग के बदले में ले सकते हैं। गोपाल ने चांदी के सिक्कों के बैग के लिए गाय को सराय के मालिक को दे दिया और अपने घर के लिए खुशी-ख़ुशी निकल पड़ा|

घर पहुंचकर वह पैसे गिनने बैठा ही था की तभी कुछ देर बाद, लल्लन और हरी , गोपाल के घर आये | गोपाल उस समय चांदी के सिक्के गिन रहा था|  यह देखकर दोनों आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ और गोपाल से कहा की उसके पास इतने पैसे कहाँ से आ गए | इस पर गोपाल ने कहा  की भगवान ने उसे उसकी गाय के माध्यम से दिए। उसने अपनी गाय को बेच दिया|  ये उसी का दाम है|  और कहा की अब वह  बहुत सारी गाय खरीद सकता है और उन्हें खिला भी सकता है।यह सुनकर, हरिऔर लल्लन दंग रह गए| उन्हें विश्वास नहीं हुआ की उनकी योजना असफल हो गयी है।

शिक्षा: कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचाकर कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए, हमें केवल खुद को बेहतर बनाना चाहिए|


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