बिच्छू के रूप में भगवान

बहुत समय पहले एक बुजुर्ग दरिया के किनारे से जा रहा थे। तभी उन्होने देखा कि दरिया के अंदर से एक कछुआ आया और दरिया के किनारे पर आकर रुक गया। थोड़ी देर बाद उसी किनारे पर एक जहरीला बिच्छू भी आया और दोनों आपस में बात करने लगे। कछुए ने बिच्छू से पूछा, “दोस्त, क्या अब हम दरिया के उस पार चले?” इसपर बिच्छू ने खुशी से जवाब दिया, “हाँ दोस्त, चलो नदी के उस पार चलते हैं।“ ऐसा कहकर बिच्छू कछुए की पीठ पर चढ़ गया। और कछुए ने दरिया में तैरना शुरू कर दिया।


वो बुजुर्ग ये सब देख और सुन रहे थे। एक बिच्छू को कछुए की पीठ पर बैठा देख वो बहुत हैरान हुए और मन ही मन सोचने लगे, “ये बिच्छू कछुए की पीठ पर बैठकर कहाँ जा रहा है? मुझे भी इनके पीछे जाना चाहिए” ऐसा सोचकर वो दरिया में उतर गए और उनका पीछा करने लगे। नदी के दुसरे किनारे पहुँचकर कछुआ रुक गया और बिच्छू उसकी पीठ पर से छलांग लगाकर किनारे पर चढ़ गया।

“दोस्त तुम यहीं रुको मैं अभी आता हूँ!” ये कहकर बिच्छू जंगल की तरफ चल दिया। बुजुर्ग भी दरिया से बाहर आए और बिच्छू के पीछे चलने लगे।

आगे जाकर उन्होने देखा कि जिस तरफ बिच्छू जा रहा था उसी तरफ एक नौजवान व्यक्ति आँखें बंद करके भगवान के ध्यान में लगा हुआ था। ये देखकर वो बुजुर्ग सोचने लगे, “अगर यह बिच्छू उस नौजवान को काटना चाहेगा तो मैं करीब पहुंचने से पहले ही इसे अपनी लाठी से मार दूंगा।“

ऐसा सोचकर वो बहुत तेज़ी से बिच्छू के पीछे चलने लगे। तभी उन्होने देखा कि दूसरी तरफ से एक जहरीला साँप बहुत तेज़ी से उस नौजवान की तरफ बढ़ रहा था। लेकिन इससे पहले वो जहरीला साँप उस नौजवान को काटता, बिच्छू ने उस साँप को डंक मार दिया। बिच्छू के जहर से साँप कुछ ही क्षणों में मर गया। इसके बाद बिच्छू मुडा और वापिस दरिया के किनारे चला गया। बुजुर्ग व्यक्ति ये सब देखकर बहुत हैरान हुए। वो जिस बिच्छू के बारे में इतना गलत सोच रहे थे उस बिच्छू ने भगवान की भक्ति में लगे एक नौजवान की जान बचाई थी। वो सोचने लगे, “अरे आजकल तो इंसान भी एक दूसरे के काम नहीं आते और यहाँ तो एक बिच्छू ने मिसाल कायम की है! ये देखकर दिल खुश हो गया कि जानवरो में भी ऐसी भावना है!”

कुछ देर बाद जब वो नौजवान ध्यान पर से उठा तो उस बुजुर्ग व्यक्ति ने उसे सारी बात बताई।

नौजवान बहुत हैरान हुआ और भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहने लगा, “भगवान् आपका लाख लाख शुक्र है! आज आपने मेरी जान बचा ली! मैं आपका बहुत शुक्रगुज़ार हूँ!”
तभी अचानक उसके सामने भगवान् प्रकट हुए और उस नौजवान से बोले, “जब वो बुजुर्ग जो तुम्हे जानता तक नही था वो तेरी जान बचाने के लिए लाठी उठा सकता है । फिर तू तो मेरी भक्ति में  लगा हुआ था। मैं तेरा ध्यान कैसे नहीं रखता!”

ये कहकर भगवान अदृश्य हो गए, और वो बुजुर्ग समझ गया कि उस बिच्छू के रूप में आकर भगवान ने ही इस नौजवान की जान बचाई है।

शिक्षा: अगर हम सच्चे दिल से भगवान की पुजा करते हैं तो भगवान हमारी सहायता ज़रूर करते हैं।

Click=>>>>>Hindi Cartoon for more Panchatantra Stories........