पंचतंत्र की कहानी - भूत और हाथी

किसी जंगल में एक पेड़ पर चंदु नाम का उल्लू रहता था। चंदु बहुत अच्छे दिल का था और हमेशा सबकी मदद करता था।
एक दिन, जब वह शाम को सो कर उठा तो उसने देखा कि एक हाथी उसके पेड़ के नीचे आराम कर रहा है। वह देख उसने हाथी से पूछा की वह कौन है और उसने हाथी को जंगल में पहली बार देखा है|

चंदू की बात पर हाथी ने कहा की उसका नाम मलंग है और वह जंगल में किसी के कहने पर अच्छे फल खाने आया है। चंदू ने हाथी को जवाब दिया कि उसने ठीक सुना है और जंगल में काफी स्वादिष्ट फल हैं। फिर वह मलंग हाथी का जंगल में स्वागत करता है। 

दोनों की दोस्ती हो जाती है और  हाथी चंदू के पेड़ के नीचे ही रहने लगता है। जहाँ चंदु दिनभर सोता, वहीँ मलंग हाथी रात होने पर पेट-पूजा करके वापस आता था और वह जमकर बातें करते थे।



मलंग हाथी उसे बताया करता था की कैसे वह मीठे गन्ने खाने के बाद नदी में नहाता था। मलंग हाथी के किस्से सुनकर चंदु उल्लू का भी उसके साथ जाने का बहुत मन किया करता लेकिन उल्लू होने के कारण वह दिन में घर से बाहर नहीं निकल सकता था।

फिर एक रात, जब मलंग हाथी खाना खाकर लौट रहा था, तब उसने एक भूत और भूतनी को बातें करते देखा। उसने भूत को यह कहते हुए सुना कि इन्सान  बहुत हिम्मतवाले हो गए हैं और अब वह भूतों से बिल्कुल नहीं डरते। भूत की बात सुनकर भूतनी ने कहा है कि इन्सानो को डराने के लिए उन्हें कोई नयी तरकीब सोचनी होगी।

तभी भूत, हाथी को देख लेता है| हाथी को देखकर भूत चौंक जाता है और चींखकर कहता है की पकड़ो उसे, ये वही हाथी है! ये सुनते ही हाथी डर जाता है  और वहाँ से भाग जाता है। उसे भागते देख भूतनी ने भूत से पूछा की क्या हुआ? कौन है वो हाथी?

तब भूत, भूतनी को अपने सपने के बारे में बताता है जो उसने एक दिन पहले देखा था |  वह बताता है की उसने सपने में एक हाथी को पूरा खा लिया था।  और ये हाथी एकदम उसके  सपने वाले हाथी के जैसा ही दिखता है। इसलिए आज वह  इस हाथी को खाकर अपना सपना सच करके रहेगा ।

ऐसा कहकर भूत उड़कर हाथी का पीछा करने लगा। भूतनी भी उड़ती हुई हाथी के पीछे चल दी। हाथी चिल्लाता हुआ भाग रहा था की कोई भूत-भूतनी से उसकी  जान बचाये। तभी भूत और भूतनी उड़कर उसके सामने आ जाते हैं । हाथी ने उन्हे देखकर रुक जाता है और डरकर कहता है की कृप्या करके वह उसे  छोड़ दे । उसने  सुना है इंसान बहुत स्वादिष्ट है। वह  उन्हे खा सकते हैं।

हाथी की बात सुन भूत कहता है की उसे सपना उसको खाने का आया है, इसलिए वह उसे ही खायेगा।

दूर  पेड़ पर बैठा चंदु उल्लू ये सब देख और सुन रहा था। अचानक उसे एक तरकीब सूझी। वो उड़ता हुआ हाथी के पास आया और भूतनी को देखकर जोर से चिल्लाने लगा...यही है वो!, यही है वो!, पकड़ो इसे! चंदु को ऐसे बेवजह चीखता देख भूत और भूतनी सोच में पड़ गए। चंदू को इस तरह चिलाते देखकर भूत चंदू से पूछता है की वह कोन है और वह किसकी बात कर रहा है |

तब चंदू, भूत को बताता है की वह उसकी पत्नी की बात कर रहा है। वह बताता है की उसने कल सुबह अपने सपने में देखा कि उसकी एक भूतनी से शादी हो गई है। और तुम्हारी पत्नी एकदम उस भूतनी जैसी दिखती है। इसलिए इस भूतनी से शादी करके वह  अपना सपना सच करेगा ।

 यह सब सुनकर भूतनी डर जाती है  और चिल्लाकर कहती है की वह किसी उल्लू से शादी नहीं करेगी | भूत, भूतनी को समझाते हुए कहता है की वह  घबराए नहीं । वह तो उल्लू है तो उल्लू जैसी ही बात करेगा |  और सपने भी कभी सच होते हैं क्या?

इस पर चंदू कहता है की वह भी तो अपना सपना सच करने के लिए इस हाथी को खाने को कह रहे हैं। तो क्या तुम भी उल्लू हो? चंदू की बात सुनकर भूत शर्मिंदा हो जाता है और उससे हाथी को नहीं खाने की बात कहता है | और उसका सपना सच नहीं होने की बात कहते हुए कहता है की वह भी अपने सपने को भूल जाये | भूत की बात से सहमति जताते हुए चंदू भी एक दूसरे के सपने को भूलने के लिए कहता है | चंदु के ऐसा कहते ही भूत और भूतनी उड़कर वहाँ से चले जाते हैं । 

भूत-भूतनी के जाने के बाद मलंग हाथी उसकी जान बचाने के लिए चंदू का धन्यवाद करता है | और भूतनी से शादी करने का उसका पूरा नहीं हो पाने पर दुःख भी जताता है |  हाथी की बात सुनकर चंदू हँसते हुए कहता है की कौनसा सपना? वह सब तो उसने भूत को सबक सीखने के लिए बोला था |

इस पर दोनों दोस्त ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे। इतने ताकतवर भूतों को अपनी समझदारी से हराकर आज दोनों बहुत खुश थे।

शिक्षा:  यह ज़रूरी नहीं कि एक कमजोर और ताकतवर में से हमेशा ताकतवर ही जीते। अगर कमजोर चाहे तो अपनी अक्ल से बड़े से बड़े ताकतवर को हरा सकता है।


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