किसी जंगल में अनेक प्रजातियों के जानवर मिल-जुल कर रहते थे। एक दिन उनको ये बात पता चली की पास के ही जंगल से चंपू नाम का सियार उनके जंगल में घुस आया है। सभी जानवर जानते थे की वह सियार बदमाश और धूर्त है। तभी एक दिन भोला नाम का बन्दर सभा में,सभी को चम्पू सियार के बारे में बताता है और उससे बचकर रहने की सलाह देता है। कुछ दिन बाद,रात को जब सब जानवर सो रहे होते हैं, तब सियार शिकार के लिए बाहर निकलता है। सियार को देखकर जंगली कुत्ते उसके पीछे पड़ जाते हैं। चम्पू सियार भागकर पास के ही गाँव में किसी धोबी की झोपड़ी में घुस जाता है।
वह, वहाँ पर रखे हुए नीले रंग से भरे बड़े से ड्रम में छिप जाता है। जंगली कुत्ते चम्पू को ढूंढ नहीं पाते और वापस जंगल चले जाते हैं। कुत्तों के डर से चम्पू रात भर ड्रम में ही छुपा रहता है। सुबह जब वह ड्रम से बाहर निकलता है, तो आईने में देखता है की वह पूरा नीला हो गया है। वह अपने आपको नीले रंग में रंगा देखकर बहुत खुश होता है।
सियार एक योजना बना कर जंगल वापस जाता है। जब सारे जानवर चम्पू सियार को नीले रंग में देखते हैं तो उसे पहचान नहीं पाते और बहुत डर जाते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि यह अजीब सा जानवर कौन है? यह देख चम्पू सियार को बहुत मजा आता है और वह जंगल पर राज करने लगता है। जंगल के सभी जानवर दुखी होकर राजा शेर सिंह के पास पहुँचते हैं और नीले सियार का पूरा किस्सा सुनाते हैं। सब सुनने के बाद शेर, सियार से पूछता है की वह कौन है और कहाँ से आया है?
तब चम्पू सियार जवाब देता है की भगवान ने उन सब की रक्षा के लिए धरती पर भेजा है। यह सब सुनकर शेर भी सोच में पड़ जाता है लेकिन भगवान की बात सुनकर वह भी सियार को अपना राजा मान लेता है। सियार को अच्छा खाना और रहने को गुफा मिल जाती है। इस तरह उसके मौज के दिन बीतने लगते हैं।
एक दिन वह सभी जानवरों के साथ बैठा होता है की उसे कुछ सियारों की आवाज़ें सुनाई देती हैं। चम्पू सियार, दुसरे सियारों की आवज सुनते ही मदहोश होकर उनकी तरह आवाज़ें निकालने लगता है। जैसे ही जानवर उसकी आवाज सुनते हैं तो उन्हें सारा माजरा समझ में आ जाता है। इसके बाद चम्पू सियार की जमकर धुनाई होती है और उसे जंगल से भगा दिया जाता है।
सारांश: हमें कभी भी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए और ना ही अपनी पहचान छुपानी चाहिए क्योंकि सच्चाई हमेशा सामने आ जाती है।